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रांची/डेस्कः गोड्डा जिले के सुंदर पहाड़ी प्रखंड से आधा दर्जन गांवों में अज्ञात बीमारी से पहाड़िया समुदाय के बच्चों की मौत होने की खबर मिली है. जहां बताया जा रहा है कि बड़ा सिंदरी पंचायत में अज्ञात बीमारी के चपेट में आने से पहाड़िया समुदाय के सात बच्चे की मौत हो गई है. मामला गोड्डा के सुंदर पहाड़ी प्रखंड के बड़ा सिंदरी पंचायत का है. यहां बच्चों को पहले बुखार आया और फिर उनकी मृत्यु हो गई. बताया जाता है कि मृत बच्चों की उम्र 10 वर्ष से कम है. हालांकि, प्रभावित गांवों में सभी बीमार बच्चों को बेहतर इलाज और जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. जिले के सिविल सर्जन ने 4 सदस्यीय मेडिकल टीम बनाकर उन्हें प्रभावित गांवों में जाकर जांच करने, मृत बच्चों को चिन्हित करने और यथासंभव इलाज मुहैया कराकर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है.
गांव में नहीं रहते हैं स्थानीय डॉक्टर
बता दें, मृतक की मां जौमी पहाड़िन ने बताया कि उनके दो साल के बेटे रमेश पहाड़िया को बीते 17 नवंबर को अचानक बुखार आया और 19 नवंबर को उसकी मौत हो गई. उन्होनें यह भी बताया कि गांव में स्थानीय डॉक्टर भी नहीं रहते है. घर पर पैसे का अभाव है. उनके पति बाहर पैसे कमाने गये हुए है. इसी तरह बैरागो गांव के जवाहर पहाड़िया के 3 वर्षीय पुत्र चार्लिस पहाड़िया की भी मौत हो गई. यहीं नहीं दुर्गालाल पहाड़िया की एक साल की बेटी लथनी पहाड़िन की मौत बीते 14 नवंबर को हुई थी. जबकि जबरा पहाड़िया की तीन साल की बेटी रबिशा पहाड़िन की मौत 16 नवंबर को हुई थी. इधर, बीते 20 नवंबर को जगदीश पहाड़िया की भी 3 वर्षीय पुत्री करीना पहाड़िन की मौत भी बुखार आने के बाद हो गई. अभी भी जोजो और बैरागो गांव में दो दर्जन से अधिक बच्चे बीमार हैं. बड़ा सिंदरी पंचायत के मुखिया रामा पहाड़िया ने बताया कि जोलो और बैरागो गांव में बीते एक सप्ताह के दौरान पांच बच्चों की मौत हो गई. वहीं, डांडो और सारमी में भी एक-एक बच्चे की मौत अज्ञात बीमारी हुई है.
मच्छरदानी प्रबंध करने का दिया निर्देश
वहीं, जानकारी मिलने के बाद बुधवार की देर शाम संतालपरगना के आयुक्त लालचंद डाडेल और एसडीओ वैद्यनाथ उरांव प्रभावित गांवों पहुंचे. जहां बच्चों के बीमारी के बारे में आयुक्त ने जानकारी लिया. डीसी और बीडीओ को मच्छरदानी प्रबंध करने का भी निर्देश दिया. गांव में एक एंबुलेंस की सुविधा और लगातार मेडिकल चेकअप कैंप लगाने का भी निर्देश दिया.
इधर, बीडीओ विजय प्रकाश मरांडी ने इस संबंध में कहा कि प्रभावित गांवों में सभी बीमार बच्चों को बेहतर इलाज और जांच आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. आवागमन की सुविधा नहीं होने से वहां राहत और बचाव में परेशानी हो रही है. बावजूद इसके प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग की टीम उपचार में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. उपायुक्त की ओर से पूरे मामले की जानकारी ली जा रही है.
कई लोग मलेरिया से ग्रसित
बताया जाता है कि मेडिकल टीम को गांवों में पीबी मलेरिया से संक्रमण होने की रिपोर्ट मिली है. अभी भी कई लोग मलेरिया से ग्रसित हैं. पर एक सवाल उठता है कि आखिर इतनी मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग बेखबर कैसे बना रहा?सिविल सर्जन को पहले क्यों नहीं जानकारी मिली? क्यों नहीं पहले मेडिकल टीम भेजी गई? यही कारण है कि पहाड़ियां जनजाति की संख्या लगातार घटती जा रही है.